श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों ने पीएम पैकेज पर भर्ती हुई एक महिला कर्मचारी की हत्या कर दी है। यह महिला कुलगाम में एक टीचर थी और 1990 में हुए पलायन के बाद उसे पीएम इम्लॉयमेंट पैकेज के तहत फिर से कश्मीर में बुलाकर नौकरी दी गई थी। कश्मीर घाटी के स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों ने स्कूल में घुसकर पहले शिक्षिका से उसका नाम पूछा और फिर उसे एके-47 से गोली मार दी।

बताया जा रहा है कि अज्ञात आतंकियों ने उसे मंगलवार सुबह उसके स्कूल में ही गोली मारी। जिसके बाद उसे कुलगाम के जिला अस्पताल पहुंचाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृत शिक्षिका की पहचान रजनी नाम की महिला के रूप में हुई है, जो कि सांबा की रहने वाली थीं।

कश्मीर जोन पुलिस के बयान के मुताबिक,आतंकियों ने कुलगाम के गोपालपुरा इलाके में स्थित हाई स्कूल की टीचर को मंगलवार सुबह गोली मारी थी। इस महिला को गोली लगने के बाद उसे कुलगाम के जिला अस्पताल में पहुंचाया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद इलाके में तनाव की स्थितियां बनी हुई हैं। वहीं हमलावर मौके से भागने में कामयाब हुए हैं।

इलाके में सुरक्षाबलों का बड़ा सर्च ऑपरेशन
वारदात के बाद इलाके में सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने एक बड़ा तलाशी अभियान शुरू किया है। वहीं कुलगाम जिले के अस्पताल में भी लोगों की भारी भीड़ जुट गई है। इसे देखते हुए यहां पर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम कर दिए गए हैं।

कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
कुलगाम की वारदात ने एक बार फिर घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस महिला को आतंकियों ने गोली मारी है, उसे भी पीएम स्पेशल इम्पलॉयमेंट पैकेज पर घाटी में भेजा गया था। कश्मीर में पोस्टेड इस महिला का परिवार 1990 में घाटी से पलायन कर गया था।

12 मई को राहुल भट की भी हत्या हुई
इस महीने पीएम स्पेशल इम्पलॉयमेंट पैकेज पर भर्ती हुए किसी कर्मचारी की हत्या की यह दूसरी घटना है। इससे पहले आतंकियों ने मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में राहुल भट नाम के एक कर्मचारी की हत्या कर दी थी। इसी महीने 12 मई को आतंकियों ने बडगाम की चाडूरा तहसील में राहुल भट को गोली मार दी थी। इस घटना में राहुल की जान चली गई। घटना के बाद कश्मीर में पीएम स्पेशल इम्पलॉयमेंट पैकेज के तहत भर्ती कर्मचारियों ने अपनी सुरक्षा का हवाला देते हुए सामूहिक इस्तीफे का ऐलान किया था। इसके अलावा सभी ने सुरक्षा की भी मांग की थी।

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