बस्ती। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तमाम दावों व वादों के बावजूद प्रदेश के पिछड़ी जाति के लोगों पर अत्याचार बंद नहीं हुए है। ताजा मामला बस्ती जिले के थाना कलवारी का है। जहां एक पिछड़ी जाति की एक बुजुर्ग महिला केवलपाती को गांव के ही दबंगों चंद्र, रमेश चन्द्र, अरूण कुमार उर्फ गुड्डू, विपिन, मनीष, सोनू और भोला आदि ने मारापीटा और उसकी झोपड़ी को भी तोड़ा दिया और झोपड़ी की ईंटे भी उठा ले गये।
केवलपाती ने जब पुलिस से मदद की गुहार लगाई तो स्थानीय पुलिस भी दबंगों के सामने नतमस्तक हो गई। पिछड़ी जाति से तालुक रखने वाली केवलपाती गांव में अकेले रहती है। उसकी झोपड़ी जिसकी जमीन पर बनी है, वह भी उसे रहने के लिए गांव ही एक सभ्रांत परिवार ने दे रखी है।
केवलपाती ने बताया कि जिन्होंने उसका घर तोड़ा है और उसे मारापीटा है वह सब गुंडे हैं। आए दिन गांव में किसी न किसी के साथ झगड़ा करना उनकी आदत है। वह लोग मुझसे अपने घर का साफ-सफाई का काम करवाना चाहते थे जो मैने मना कर दिया जिसकी वजह से वह लोग मुझ से नाराज थे। बीते कई दिनों से आते-जाते वे मुझे जाति सूचक व मां बहन की गालिया दे रहे थे। जब मैने इसका विरोध किया तो इन सभी ने मिलकर मेरा घर तोड़ दिया और मुझे लातों घूसों से पीटा और मेरा सोने का लाकेट भी लूट कर ले कर जाने लगे। मैने बचाव के लिए चिल्ला शुरू किया तो उन लोगों ने मुझे तब तक मारा जब तक मैं बेसुध नहीं हो गई।
गांव की ही एक बुजुर्ग महिला रेनू उपाध्याय ने बताया कि केवलपाती बीते कई सालों से मेरे ही घर के सामने मेरी ही जमीन पर रहती है। केवलपाती असहाय व गरीब है। मैने ही अपनी जमीन उसे रहने के दे रखी है। मेरे पति भी ज्यादातर अपने काम की वजह से लखनऊ में रहते हैं। केवलपाती बुजुर्ग है और अकेली है। वह मेरे घर का छोटा-मोटा काम करती है और मेरा ध्यान भी रखती है। ऐसी नेक महिला के साथ जनवारों सा वर्ताव ठीक नहीं है। पुलिस को उसकी मद्द करनी चाहिए।
गांव के ही कुछ लोगों ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि रमेश चंद्र एक शातिर अपराधी है। उसने आज आठ-दस साल पहले अपनी गर्भवती पत्नी और दो मासूम बच्चाों को जान से मार दिया था। वह काफी समय से जेल में था और वह अब पूरे गांव में कहता फिरता कि एक खून करो या दस खून सजा एक ही मिलती है। इसलिए तुम लोग मुझसे बच कर रहना। गांव के सभ्रांत लोगों का कहना है कि पुलिस की सह पर वह गांव में छुट्टा सांड की तरह घूमता है।
पुलिस थाने से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया। इस संबंध में बस्ती जिले के पुलिस अधीक्षक को भी लिखित शिकायत की गई है।