लखनऊ, समाजवादी पार्टी (सपा) से नाराजगी के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नजदीकियां बढ़ा रहे वरिष्ठ प्रसपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने अब समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है और कहा है कि जरूरत पड़ने पर इसके लिए आंदोलन भी चलाया जाएगा।

शिवपाल ने बृहस्पतिवार को अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी-लोहिया (प्रसपा) द्वारा भीमराव आंबेडकर की जयंती पर ‘राष्ट्रीयता व समाजवाद’ विषय पर आयोजित एक कार्यशाला के दौरान समान नागरिक संहिता की खुलकर वकालत की।

हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में जसवंत नगर सीट से सपा के टिकट पर चुने गए प्रसपा प्रमुख ने कहा, “डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने समान नागरिक संहिता की आवाज संविधान सभा में उठाई थी। लोहिया जी ने भी संसद में आवाज उठाई थी तो हम लोग आज उनकी जयंती के शुभ अवसर पर समान नागरिक संहिता की आवाज बुलंद कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा, “हम लोगों को चाहे आंदोलन चलाना पड़े, कुछ भी करना पड़े, लोहिया जी और अंबेडकर जी ने जो भी सपने देखे थे, हम उनकी आवाज उठाकर अपने संगठन को मजबूत करते हुए आगे बढ़ेंगे।” पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपक मिश्रा ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में समान नागरिक संहिता को ‘समाजवादी सोच के अनुरूप’ बताया और कहा कि वर्ष 1967 में राम मनोहर लोहिया ने समान नागरिक संहिता की बात उठाते हुए कहा था कि ऐसी संहिता व्यापक चर्चा के बाद सहमति के साथ लागू हो जिसमें सबकी भावनाओं का सम्मान किया जाए क्योंकि यह समाजवादी सोच के अनुरूप है।

समान नागरिक संहिता प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से भाजपा के एजेंडा में शामिल रही है। शिवपाल द्वारा भाजपा के एजेंडे में शामिल इस मुद्दे का खुला समर्थन किए जाने के औचित्य के बारे में पूछने पर मिश्रा ने कहा “समान नागरिक संहिता डॉक्टर लोहिया, डॉक्टर आंबेडकर और हमारे महान नेताओं का सपना था, तो हमने इस बात को अगर दोहरा दिया तो इसमें क्या गलत है।” इसी बीच, प्रसपा ने अपनी प्रदेश कार्यकारिणी एवं राष्ट्रीय तथा प्रादेशिक प्रकोष्ठों की सभी कार्यकारिणियों और पूरे प्रवक्ता मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया।

गौरतलब है कि शिवपाल ने हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और उन्हें ट्विटर पर फॉलो करना शुरू किया था। इससे उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं।

हालांकि शिवपाल ने इस बारे में अभी तक खुलकर कोई भी बात नहीं कही है। अब समान नागरिक संहिता का समर्थन कर उन्होंने अटकलों का बाजार और भी गर्म कर दिया है।

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