सैयदपुर सकरी में इन दिनों अकीकतमंदो का जमावड़ा लग रहा है। हजारों की संख्या में लोग अपनी मुरादें मांगने के लिए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2016 में कनौज के एक गांव सैयदपु सकरी के समीप बड़का हार में खेत की सफाई काराई जा रही थी। जेसीबी से खुदाई के दौरान कुछ हड्डियां निकली। जिसके बाद काम रोक दिया गया।

खेत के मालिक उसी रात उसके सपने में एक बाबा आए और उन्होंने वहां पर काम रूकवाने के लिए कहा। बाबा ने अपना नाम सैयद सालार कुतुब गाजी बताया। उन्होंने कहा कि आप इस खेत को ऐसा ही छोड़ दें इसमें हम लोग निवास कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार वहां पर पहले एक मिट्टी का टीला हुआ करता था। वहां पर खेती भी नहीं होती थी। जमीन समतल भी नहीं थी।

मजारों की देखरेख कर रहे इखलाख अली ने बताया कि यह मजार सैयद सालार कुतुब गाजी की है। इसनी साख महमूद गजनबी से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने बताया कि यहां पर इस 15 मजार निकली है। मजारों का निमार्ण कार्य शुरू कर दिया गया है। अकीकतमद आना शुरू हो गया है। इस बार हम लोगों ने यहां पर बाबा के नाम उर्स शुरू हो गया है। अकीकतमंदो का जमावड़ा शुरू होने लगा है। बाबा की दरगाह में हिन्दू-मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग माथा टेकने पहुंच रहे हैं।

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