लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने चिकित्सकों को केवल चिकित्सकीय कार्य में ही तैनात करने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने शनिवार को हुई टीम-9 की बैठक में अफसरों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अलग-अलग अस्पतालों और कार्यालयों सहित जहां भी चिकित्सकों की तैनाती प्रशासनिक व प्रबंधकीय कार्यो में की गई है, उन्हें तत्काल कार्यमुक्त कर चिकित्सकीय कार्यों में ही लगाया जाए.

सीएम ने कहा कि प्रबंधन के कार्यो के लिए आवश्यकतानुसार MBA डिग्री वाले युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए. इस व्यवस्था के लागू होने से प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी. साथ ही अस्पताल और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े दफ्तरों में मैनेजमेंट के कार्यों के लिए एमबीए के छात्रों को मौका दिया जाएगा. यानी अब सीएमओ, अस्पतालों के डायरेक्टर, डिप्टी डायरेक्टर, सीएमएस जैसे पदों पर एमबीए पासआउट छात्र इनका काम संभालेंगे.

UP में 6500 डॉक्टरों के पद खाली

प्रदेश में 500 से ज्यादा डॉक्टर प्रशासनिक कार्यों में तैनात है. पीएमएस संघ के मुताबिक प्रदेश में 18700 डॉक्टरों के पद है, जिसमें से 6500 पद खाली हैं. जो पद भरे हैं, उनमें से 500 से अधिक डॉक्टर अस्पतालों का प्रशासनिक काम संभाल रहे हैं. उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि कोविड केस कम होने के बाद अस्पतालों में ओपीडी व आईपीडी सेवाएं, सर्जरी आदि शुरू की गई हैं, किंतु वही लोग अस्पताल आएं, जिनकी स्थिति गंभीर हों. घर से बाहर कम से कम निकलें. यथासंभव टेलीकन्सल्टेशन का उपयोग करें. सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला स्तरीय अस्पतालों में टेलीकन्सल्टेशन की व्यवस्था को और बेहतर किया जाए. अधिकाधिक डॉक्टरों को इससे जोड़ा जाए। लोगों को इस सेवा के उपयोग के लिए जागरूक किया जाए.

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