भारत में कोरोना को खत्म करने के लिए वैक्सीनेशनेशन ड्राइव चल रहा है। इस समय देश में 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। जिस वजह से वैक्सीनेशन को बुक कराने में लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। COVID-19 वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट मिलना इस समय लोगों के लिए ख़ुशी की बात हो गई है। COVID-19 वैक्सीनेशन के बाद सरकार सभी के लिए एक वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर रही है जिसको लोग सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। इसी को लेकर अब सरकार ने चेतावनी जारी की है।

ट्वीट कर किया लोगों को सावधान 
गृह मंत्रालय ने साइबर दोस्त अकाउंट से ट्विटर कर एक पोस्ट किया है। सरकार ने ट्वीट कर कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन सर्टिफिकेट को ऑनलाइन शेयर न करें। क्योंकि वैक्सीन सर्टिफिकेट में आपका नाम और अन्य निजी जानकारी होती है। इन जानकारियों का इस्तेमाल जालसाजी के लिए किया जा सकता है। ऐसे में आपको इससे सावधान रहना चाहिए।

साइबर दोस्त अकाउंट क्यों बना हुआ है 
Cyber Dost एक ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा बनाया गया एक सेफ्टी और साइबर सिक्योरिटी जागरूकता साधन है।

वैक्सीन सर्टिफिकेट की कब पड़ती सकती है जरूरत 
हर डोज के बाद सरकार एक सर्टिफिकेट जारी करती है, जिसमें आपकी पर्सनल जानकारी होती है। वैक्सीन का यह सर्टिफिकेट भविष्य में इंटरनेशनल ट्रैवल समेत कई चीजों के लिए जरूरी हो सकता है। COVID-19 वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को आप आरोग्य सेतु ऐप या कोविन वेबसाइड से डाउनलोड कर सकते हैं।

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