देश के कई राज्यों में सात महीने बाद गुरुवार से सिनेमाघर दोबारा खोले जा रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 30 सितंबर को अनलॉक 5 के तहत जो दिशा-निर्देश जारी किये थे उनमें 15 अक्तूबर से सिनेमाहॉल खोलने की भी अनुमति दी थी.

इसके बाद दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में सिनेमाघर खोले जा रहे हैं.

लेकिन, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल, पंजाब और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने अभी मल्टीप्लेक्स और सिनेमाहॉल बंद रखने का फ़ैसला किया है.

पूर्वोत्तर भारत में भी अभी वहाँ के राज्यों की सरकारों ने सिनेमाहॉल खोले जाने को लेकर कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है.

50 प्रतिशत सीटों पर ही अनुमति

दिल्ली में आज से 50 फ़ीसदी क्षमता के साथ सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स खोले जा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य के सिनेमा घरों को कुछ शर्तों के साथ 15 अक्तूबर से खोलेने की इजाज़त दे दी है.

कर्नाटक में भी आज से ही सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स खुलने जा रहे हैं. राज्य सरकार ने थर्मल स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और सीटों को लेकर ख़ास दिशा-निर्देश जारी किये हैं.

नई गाइडलाइंस के तहत सिनेमाघरों में 50 प्रतिशत से ज़्यादा सीटें नहीं भरी जा सकतीं, यानी आधी सीटें खाली रहेंगी.

लेकिन कंटेनमेंट वाले इलाक़ों में सिनेमाघर अब भी बंद रहेंगे.

अनलॉक 5 में स्कूल-कॉलेज भी खोलने की अनुमति

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़ पंजाब सरकार ने स्कूलों को खोलने के बारे में फ़ैसला किया है.

एएनआई के अनुसार, पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने कहा है कि स्कूलों को खोलने के लिए दिशा-निर्देश तैयार कर स्वास्थ्य विभाग को भेज भी दिया गया है, उनपर सहमति बनने के बाद तय तारीख़ का भी एलान कर दिया जाएगा.

उत्तराखंड की सरकार ने एक नवंबर से 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति दे दी है.

वहीं महाराष्ट्र सरकार ने भी 31 अक्टूबर तक स्कूल-कॉलेज और कोचिंग इंस्टीट्यूट को 31 अक्टूबर तक बंद रखने का ही फ़ैसला किया है.

अनलॉक 5 की गाइडलाइन्स

डिपार्टमेंट ऑफ़ स्कूल एजुकेशन एंड लिटरेसी के मुताबिक़, जो भी स्कूल खुलेंगे उन्हें राज्य सरकारों के नियमों का पालन करना होगा, जो हमारे स्टैंडर्ड प्रोसिज़र के आधार पर होगा.

दिशा-निर्देशों को दो भागों में बांटा गया है. पहला- स्वास्थ्य, सफ़ाई और सुरक्षा से जुड़े नियम. और दूसरा- सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों से जुड़े नियम.

शिक्षा मंत्रालय की गाडलाइन कहती है कि सफ़ाई, हाइजीन से जुड़ी तैयारी स्कूलों, शिक्षण संस्थानों के प्रबंधन को संस्थान खुलने से पहले ही सुनिश्चित करना होगा. इसके अंतर्गत सैनेटाइज़ेशन, हाथ साफ़ करने की उचित व्यवस्था का ध्यान रखना होगा.

प्रवेश और बाहर निकलने की समुचित व्यवस्था, हॉस्टल की साफ़ सफ़ाई और उसका समुचित सैनिटाइज़ेशन इन सबसे जुड़ी जानकारियां सरकार के स्टैंडर्ड प्रोसिज़र से जुड़ी गाइडलाइन में दिया गया है.

स्टैंडर्ड प्रोसिज़र में स्कूल खुलने के बाद सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े नियमों की भी जानकारी दी गई है. दो लोगों के बीच 6 फ़ीट की दूरी होना अनिवार्य है, क्लासरूम, लैब और खेल के मैदान में भी मास्क पहनना ज़रूरी होगा. हर जगह हाथ धुलने का इंतज़ाम. प्रवेश द्वार पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था होनी चाहिए.

अभिभावकों की सहमति ज़रूरी

सबसे अहम बात बच्चों के अभिभवकों के लिखित इजाज़त के बाद भी बच्चे स्कूल आ सकेंगे. गाइडलाइन्स कहती हैं कि क्लास में उपस्थिति के नियमों को लेकर रियायत दी जाएगी.

अगर कोई चाहें तो ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प भी चुन सकता है. मिड-डे मील के बनाने और उसे परोसने को लेकर एहतियात बरतने के नियम भी इन गाइडलाइन्स में बताए गए हैं.

नए दिशानिर्देशों में राज्य, केंद्र शासित राज्य, स्कूल के प्रमुख, अध्यापकों अभिभावकों की ज़िम्मेदारी का भी विस्तृत ब्योरा दिया गया है.

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