राजनीतिक दलों के विरोध के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने जेईई और नीट के आयोजन की तैयारियां तेज कर दी हैं। बुधवार शाम तक जेईई-नीट के करीब 23 लाख में 14 लाख अभ्यर्थियों ने इसे डाउनलोड भी कर लिया।

एनटीए के चैयरमैन विनीत जोशी ने कहा कि यह दर्शाता है कि बच्चे बेसब्री से परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। बुधवार से नीट के प्रवेशपत्र डाउनलोड होने शुरू हुए। 12 बजे से महज ढाई घंटे में ही 4.30 लाख ने इसे ऑनलाइन हासिल कर लिया। शाम पांच बजे तक यह आंकड़ा 6.84 लाख तक पहुंच गया। वहीं जेईई के लिए शाम तक 8.58 लाख अभ्यर्थियों में से 7.41 लाख ने प्रवेश पत्र डाउनलोड कर लिए, जो करीब 90 फीसदी है। जोशी के अनुसार, एनटीए को बच्चों एवं उनके अभिभावकों की तरफ से दोनों तरह के प्रतिवेदन मिले हैं।

कुछ चाहते हैं कि परीक्षाएं रद्द कर दी जाएं लेकिन कुछ चाहते हैं कि परीक्षाएं दो बार स्थगित हुई हैं, अब आगे न टाली जाएं। जोशी के अनुसार, जो बच्चे कोरोना हॉटस्पाट एरिया में रहते हैं, वे अपना प्रवेश पत्र दिखाकर बाहर निकल सकते हैं। उनका प्रवेश पत्र ही उनका पास होगा। इसी प्रकार कार्मिकों के लिए उनका ड्यूटी आर्डर उनका पास होगा।

गृह मंत्रालय ने इसकी अनुमति दी है। राज्यों को छात्रों के आवागमन के लिए ट्रांसपोर्ट और परीक्षा केंद्र पर भीड़ के नियंत्रण के लिए पुलिस की व्यवस्था करने को कहा गया है। जेईई मेंस का एग्जाम पहले सात से 11 अप्रैल के बीच होना था और पहले इसे 18 से 23 जुलाई तक टाला गया। फिर दोबारा तिथि बदलकर इसे एक से छह सितंबर किया गया। नीट-यूजी की परीक्षा तीन मई को होनी थी, जिसे पहले 26 जुलाई किया गया। फिर दोबारा तिथि बढ़ने से अब यह 13 सितंबर को हो रही है।

जोशी ने कहा कि जेईई के 332 अभ्यर्थियों ने केंद्र बदलने का आवेदन किया है, जिस पर सकारात्मक तरीके से विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 99 फीसदी अभ्यर्थियों को पहले ही उनकी पसंद का केंद्र दिया गया है।

जेईई के दौरान सुबह की शिफ्ट में ऑड(विषम) और शाम की शिफ्ट में ईवेन (सम) नंबर की सीटों पर बैठकर छात्र परीक्षाएं देंगे। एनटीए ने यह भी संकेत दिए हैं कि जो छात्र कोरोना से जुड़ी दिक्कतों के कारण परीक्षाएं नहीं दे पाएंगे, उनके मामले पर बाद में विचार किया जा सकता है।

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