लखनऊ। बरेली जिला जेल में रायबरेली के पूर्व सपा जिलाध्यक्ष को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में जिला जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा जांच के लपेटे में आ गये हैं। डीजी जेल आनंद कुमार ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। वायरल आडियो की जांच डीआईजी जेल को दी गई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बरेली के जिला जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा का विकेट गिरना तय है। इसके बावजूद यूपी मिश्रा के लिए मुख्यालय के कई अधिकारी फील्डिग कर रहे हैं। फील्डिग करने वाले अधिकारी चाहते हैं कि यूपी मिश्रा को किसी मलाईदार जेल में भेजा जाये। ताकि मलाई का हिस्सा उन्हें भी मिलता रहे।

ज्ञात हो कि प्रदेश में पश्चिम और अवध की जेलों को छोड़ कर पूर्वाचंल की जेलों में घूस तो क्या घास भी खाने को नहीं मिलती है। यही वजह है की पूर्वाचंल की जेलों में कोई नहीं जाना चाहता है।

जानकारी के अनुसार बरेली के जिला जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा बरेली में 2016 से लगभग चार वर्षों से जमे हुए हैं। इससे पहले भी 2006 से 2011 तक यानी लगभग पांच वर्षों तक जमे रहे। जबकि 11 मई 2016 का शासनादेश कहता है कि जिलों में समूह क एवं ख के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में कुल 06 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं, को जिलों से स्थानान्तरित कर दिया जाय। ऐसे ही समूह क एवं ख के जो अधिकारी मंडल में 10 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, उन्हें उक्त मंडलों से स्थानान्तरित कर दिया जाय।

इसी प्रकार से 11 अगस्त 2015 का शासनादेश कहता है कि प्रदेश की कारागारों में निरूद्ध बन्दियों को प्रथम चरण में अपने परिजनों से देश के अंदर सप्ताह में एक बार पांच मिनट की अवधि के लिए बात करने की सुविधा प्रदान की जायेगी। इसके बाबजूद रायबरेली के पूर्व सपा जिलाध्यक्ष को वीवीआईपी ट्रीटमेंट देने के मामले में जिला जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा जांच के लपेटे में आ गये हैं।

जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा का विवादों से पुराना नाता है। कभी उनकी जेल कोई कैदी आत्महत्या कर लेता है तो कभी किसी कैदी को इतना मारा जाता है कि वह मरणासन्न हो जाता है। कभी कैदी भूख हडताल कर देते हैं। तो कभी सुविधाओं के बदले उगाही की खबरें आती हैं।

बरेली में बीते दिनों एक अवैध कैंटीन पकड़ी गई थी। जिससे में भारी मात्रा में अवैध सामान पकड़ा गया था। जानकारी के अनुसार डीआईजी अर्पणा गागुली ने बीते दिनों बरेली जेल में अवैध कैंटीन को पकड़ा था। जांच में जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा लपेटे में आते ही डीआईजी अर्पणा गागुली ट्रांसफर नोयडा कर दिया गया। अब जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जेल की चार दीवारी के अंदर जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा द्वारा एक मंदिर का निर्माण भी कराया जा रहा है। यह मंदिर भी काफी विवादों में है। मंदिर के निर्माण में अबतक लगभग 30 लाख रूपये खर्च हो चुका है। यह पैसा कहां से आया इसकी जानकारी किसी को नहीं है। मंदिर बनवाने के लिए शासन से भी अनुमति नहीं ली गई। रोक के बावजूद मंदिर का निर्माण कार्य जारी है।

सूत्रों से मिली जानकारी बरेली जिला जेल में हर माह लगभग 25 से 30 लाख रूपये की अवैध इनकम हाती है। इस इनकम को जेल अधीक्षक कृपा पात्र कर्मचारियों और अधिकारियों में पद के अनुसार बांट दिया जाता है। लेकिन पिछले माह जब यह बटवारा ठीक से नहीं हुआ तो आपसी मतभेद के कारण जेल के बाहर भी इसकी चर्चा होने लगी।

ज्ञात हो कि बरेली जिला जेल शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। जेल में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों जिनकों अपनी सुरक्षा के लिए सर्विस रिवालवार लेने के लिए भी जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा की वंदना करनी पड़ती है। लेकिन यूपी मिश्रा ने एक विशेष जाति के बंदियों और कर्मचारियों को कई सुविधाएं दे रखी हैं। इससे अन्य जातियों के बंदियों और कर्मचारियों में गतिरोध बना रहता है। जिससे जेल में किसी जेल में कोई बड़ी घटना घटित हो सकती है। इससे कारागार विभाग की छवि खराब हो सकती है।

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