नई दिल्ली, लॉकडाउन 31 मई तक जारी रहेगा। इस दौरान घरेलू मेडिकल सर्विसेज और घरेलू एयर एंबुलेंस सेवा को छोड़कर सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। पूरे देश में मेट्रो रेल भी नहीं चलेगी। स्कूल, कॉलेज, एजुकेशनल/ट्रेनिंग/कोचिंग इंस्टीट्यूट भी बंद रहेंगे। ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग जारी रहेगा और इसे बढ़ावा दिया जाएगा। होटल, रेस्टोरेंट और दूसरी हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज भी बंद रहेंगे। हालांकि रेस्टोरेंट फूड आइटम की होम डिलीवरी के लिए किचन ऑपरेट कर सकते हैं।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने रविवार शाम एक आदेश जारी कर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के प्रावधान के तहत कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लागू लॉकडाउन को 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 4.0 के लिए आज शाम नौ पन्ने का दिशा-निर्देश जारी कर स्पष्ट किया कि इस दौरान क्या किया जा सकता है और क्या नहीं.

सभी सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्विमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, बार और ऑडिटोरियम, एसेंबली हॉल और इस तरह के भीड़भाड़ वाले स्थान बंद रहेंगे। खेल परिसरों और स्टेडियमों को खोलने की अनुमति होगी लेकिन वहां दर्शकों को जाने की अनुमति होगी।

सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम और जलसों की अनुमति नहीं होगी। सभी धार्मिक स्थल, पूजा स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे। धार्मिक जलसों पर सख्त पाबंदी होगी।

बसें और यात्री वाहन एक राज्य से दूसरे राज्य में जा सकते हैं लेकिन इसके लिए दोनों राज्यों की सहमति लेनी होगी। राज्य सरकारें अपने राज्य के भीतर बसों और यात्री वाहनों के संचालन की अनुमति दे सकती हैं। लोगों की आवाजाही के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रसीजर्स (एसओपी) का पालन करना होगा। यानी सोशल डिस्टेंसिंग और दूसरी शर्तें जारी रहेंगी। कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए जारी दिशानिर्देशों का पूरे देश में पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के मुताबिक राज्य सरकारें अपने यहां रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन तय करेंगी। रेड जोन और ऑरेंज जोन के भीतर जिले के अधिकारी कंटेनमेंट जोन और बफर जोन तय करेंगे। कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी गतिविधियों की ही अनुमति होगी। इन इलाकों में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाएगा और किसी भी व्यक्ति को वहां से किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। वहां केवल मेडिकल इमर्जेंसी और जरूरी वस्तुओं तथा सेवाओं की डिलिवरी की अनुमति होगी। इन इलाकों में घर-घर जाकर संक्रमित लोगों का पता लगाया जाएगा।

1- सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार राज्य के अंदर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के आवागमन का फैसला राज्य सरकार को स्वयं लेना होगा। केंद्र सरकार ने यहां साफ कर दिया है कि राज्य अपने से तय करें कि क्या प्रदेश के भीतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलने चाहिए या नहीं।

2- राज्य सरकार को ये अधिकार दिया है कि वो तय करें कि उनके प्रदेश में कौन सा इलाका किस जोन में आएगा। यानी कंटेनमेंट जोन, रेड, ग्रीन और ऑरेंज जोन को अब प्रदेश सरकारें तय करेंगी। उसके बाद इन जोनों में किस तरह की रियायतें होंगी वो केंद्र सरकार तय करेंगी।

3- सभी तरह के जोन की सीमाओं के बारे में सीमांकन करने की जिम्मेदारी जिले के अधिकारियों की होगी। वो तय करेंगे कि जिले की सीमाएँ खोली जाएं या नहीं।

4- कंटेनमेंट जोन में केवल जरूरी कामों के लिए आप घर से बाहर आ सकते हैं। इन जोनों में किसी तरह की आवाजाही नहीं होगी। न तो इन इलाकों के भीतर कोई आ सकता है और न ही कोई इससे बाहर जाएगा। हालांकि मेडिकल इमरजेंसी और जरूरी सामान लाने के लिए आप निकल सकते हैं। लेकिन इसके लिए भी स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के अनुसार ही छूट मिलेगी।

5- शाम को सात बजे से सुबह के सात बजे तक आवाजाही पर रोक रहेगी। लोकल प्रशासन इसके लिए जरूरी आदेश दे और अपने अधिकार क्षेत्रों पर धारा 144 को लागू करे और सख्ती से पालन कराए।

6- 65 साल के ज्यादा उम्र वाले लोग, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र वाले बच्चों को घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है। अगर कोई बहुत जरूरी काम जैसे कोई मेडिकल इमरजेंसी या फिर कोई बेहद जरूरी सामान लेना हो तभी घर से बाहर आएं।

7- आरोग्य सेतु ऐप का प्रयोग करने के लिए कहा गया है। जिसके कि आपके आस-पास कोई भी कोरोना संदिग्ध हो तो ऐप के जरिए आपको पता चल जाए और फिर आप उस इलाके में न जाए। दफ्तरों में काम करने वाले लोगों के लिए ये ऐप बहुत जरूरी है ताकि वो अपने आसपास के इलाके से अवगत रहें। जिला प्रशासन आरोग्य सेतु ऐप को ज्यादा से ज्यादा लोगों को परिचित कराए और लगातार इससे अपडेट रहने की सलाह दे।

8- कार्यालयों और कार्य स्थलों पर कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कर्मचारियों को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। मेडिकल प्रफेशनल, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों और एंबुलेंस के आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। सभी तरह के गुडस और कार्गो के आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं होगी।

इससे पहले राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकार (एनडीएमए) ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की अवधि 31 मई तक बढ़ाई जाती है. एनडीएमए ने एक आदेश में कहा कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन की अवधि को देशभर में 14 दिन के लिए बढ़ाने की जरूरत है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 से अभी तक देश में 2,872 लोगों की मौत हुई है वहीं रविवार सुबह तक 90,927 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

एनडीएमए के सदस्य सचिव जी.वी.वी. शर्मा ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून, 2005 के प्रवधान 6(2)(आई) के तहत प्राप्त अधिकार का उपयोग करते हुए एनडीएमए भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों और राज्य के प्राधिकारों को लॉकडाउन के तहत लागू नियमों को 31 मई तक जारी रखने का निर्देश देता है.

आदेश के अनुसार, केन्द्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय कार्यकारी समिति को निर्देश दिया जाता है कि वह कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए ऐहतियात बरतते हुए आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए जरुरत के अनुसार आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करे.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था. उसके बाद उन्होंने 24 मार्च को अपने संबोधन में कहा कि देश में 25 मार्च से 21 दिन के लिए लॉकडाउन प्रभावी रहेगा. पहला चरण 14 अप्रैल को समाप्त होने वाला था, लेकिन उन्होंने इसे बढ़ाकर पहले तीन मई और फिर 17 मई कर दिया. आज के एनडीएमए के आदेश के साथ सोमवार से लॉकडाउन 4.0 शुरू हो जाएगा.

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