लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के खिलाफ लड़ाई मजबूती से आगे बढ़ रही है लेकिन कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के लिए इसे कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।

योगी ने यहां एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई जब मजबूती से आगे बढ़ रही है तब बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो आज भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

उन्होंने कहा “यह अत्यंत दुखद है कि भारत की इस मजबूत लड़ाई को कुछ लोग अपने निहित राजनीतिक स्वार्थों के लिए कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने कहा “पहली बार देश के अंदर आपदा के समय में गरीबों, मजदूरों और महिलाओं के लिए एक बड़ा राहत पैकेज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के रूप में घोषित हुआ। जो लोग अपने शासनकाल में गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का पैसा हड़प जाते थे, आज जब पैसा सीधे उन गरीबों के खाते में पहुंच रहा है तो उनकी बौखलाहट स्पष्ट दिखाई देती है।” मालूम हो कि लॉक डाउन के दौरान विपक्षी दल राज्य सरकार पर तमाम तरह की अव्यवस्थाओं के आरोप लगाकर लगातार निशाना साध रहे हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने सोमवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले छुपाए जाने और ऐसा करने के लिए अधिकारियों द्वारा मृतकों के चुपचाप अंतिम संस्कार कराए जाने के आरोप लगाये थे।

योगी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि जब सरकार बिना किसी भेदभाव के हर एक तबके के साथ खड़ी है, तब कुछ विपक्षी दल केवल राजनीतिक रूप से हर एक मुद्दे में अनावश्यक राजनीति करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक गरिमा के प्रतिकूल अभद्र आचरण है। जनता सब कुछ जान रही है। इन लोगों के इस नकारात्मक रवैया का जवाब जनता स्वयं देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित गरीब कल्याण पैकेज के विषय में अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस पैकेज में दो करोड़ 34 लाख श्रमिकों को दो-दो हजार रुपये दिये जा चुके हैं। इसके अलावा तीन करोड़ 26 लाख महिलाओं के जनधन खाते में कुल 3,260 करोड़ रुपए डाले जा चुके हैं। एक करोड़ 45 लाख परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस के सिलेंडर उपलब्ध कराए गए हैं। करीब 18 करोड़ गरीबों को दो बार का खाद्यान्न वितरित हो चुका है और तीसरी बार का खाद्यान्न उन्हें वर्तमान में दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में सरकार निराश्रित श्रमिकों, गरीबों और रोजाना कमाकर खाने वाले 30 लाख से अधिक लोगों को एक-एक हजार रुपये भरण-पोषण भत्ता दे रही है। उन्हें निशुल्क खाद्यान्न भी उपलब्ध करा रही है। प्रदेश में 14 लाख से ज्यादा मनरेगा श्रमिक उत्तर प्रदेश में काम कर रहे हैं। उन्हें रोजाना रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित महिला पेंशन, दिव्यांग पेंशन इत्यादि से 88 लाख से अधिक लोगों को दो 2 महीने की पेंशन की राशि एडवांस दी जा चुकी है।

योगी ने कहा कि प्रदेश में जितने भी श्रमिक आये हैं उनके आवागमन के लिए, चाहे उन्हें पृथक-वास केंद्रों में ले जाना हो, आश्रय स्थलों में ले जाना हो या फिर उन्हें वहां से घर पर पृथक-वास में ले जाना हो, उन्हें खाद्यान्न का पैकेट देकर ही भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 50,000 से अधिक लेवल वन, टू, थ्री के बेड तैयार किये जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने यहां अब तक साढ़े छह लाख से अधिक प्रवासी कामगारों और मजदूरों को ला चुकी है। पहले चरण में 27, 28 और 29 मार्च को छह लाख से अधिक प्रवासी कामगार और श्रमिक उत्तर प्रदेश आए हैं। उन्हें सफलतापूर्वक उनके घरों तक पहुंचाने और उनके उपचार और खाद्यान्न की व्यवस्था उपलब्ध कराई गई थी।

योगी ने कहा कि दूसरे चरण में पिछले 3 दिन के दौरान 50,000 से अधिक प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश में आए हैं। इन सब को भी पृथक-वास केंद्र ले जाकर उनके भोजन इत्यादि की व्यवस्था की गई और आवश्यक स्वास्थ्य परीक्षण के बाद शासकीय वाहन से ही घर पर पृथक-वास के लिए पहुंचाया गया है।

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