नयी दिल्ली, रूस ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिये जाने को बुधवार को भारत का संप्रभु निर्णय एवं अंदरूनी मामला बताया और कहा कि इस मुद्दे पर रूस का रुख 100 फीसद भारत के रुख के समान है।

रूसी राजदूत निकोलय कुदाशेव ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अपने सभी लंबित मुद्दों को शिमला समझौते एवं लाहौर घोषणापत्र के आधार पर बातचीत से जरिये हल करना चाहिए।

मुद्दे पर एक सवाल का जवाब देते हुए कुदाशेव ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर भारत का फैसला देश के संविधान के अनुरूप है। यह भारत का आंतरिक मामला है। इस मुद्दे पर रूस का रुख 100 फीसद भारत के रुख के समान है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस की आगामी यात्रा को लेकर कुदाशेव, रूसी दूतावास के उप प्रमुख रोमन बाबूसकिन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को घटाने का प्रयास कर रहा है, इस पर बाबूसकिन ने कहा, ‘‘हम स्थिति को घरेलू स्थिति मानते हैं। यह भारत सरकार पर निर्भर करता है कि वह स्थानीय लोगों के लिए स्थिति को शांत बनाए।’’

उन्होंने कहा कि जबतक भारत और पाकिस्तान दोनों अपने मुद्दों के समाधान के लिए मध्यस्थता की मांग नहीं करते तबतक उनके बीच के मुद्दों में रूस के लिए कोई भूमिका नहीं है।

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और अक्साई चिन में स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रूस इन मुद्दों पर और वार्ता का स्वागत करेगा।

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