लखनऊ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उन्नाव जिले की बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की कथित संलिप्तता वाले बलात्कार मामले के आरोपी तत्कालीन थानेदार को आज जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति रंगनाथ पांडे की पीठ ने उन्नाव के माखी थाने के तत्कालीन थानेदार अशोक कुमार भदौरिया को जमानत दे दी। उन पर उन्नाव कांड की पीड़िता के साथ दुष्कर्म और उसके पिता की जेल में हत्या के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मदद करने का आरोप है।

याची की ओर से दलील दी गई थी कि वह निर्दोष हैं और उन्हें बेवजह फंसाया गया है। अदालत ने उन्हें इस शर्त पर जमानत दे दी कि छूटने के बाद वह जमानत का दुरुपयोग नहीं करेंगे और मुकदमे की हर तारीख पर अदालत में हाजिर होंगे।

मालम हो कि उन्नाव जिले के माखी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक नाबालिग लड़की ने भाजपा विधायक सेंगर के आवास पर जून 2017 में अपने साथ बलात्कार होने का आरोप लगाया था। इस मामले में सेंगर को भी आरोपी बनाया गया है।

इसके पूर्व, आरोप लगाने वाली लड़की के पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। लड़की के पिता की मृत्यु से पहले का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसे विधायक के भाई और अन्य द्वारा पुलिस की मौजूदगी में निर्दयतापूर्वक पीटा गया और उस पर राइफल के बट से हमला किया गया।

मामले को लेकर राज्य की भाजपा सरकार को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा और उसने पिछले वर्ष अप्रैल में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उसके बाद 13 अप्रैल को विधायक सेंगर को गिरफ्तार कर लिया गया था।

सीबीआई ने पिछले साल ही इस मामले में आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें सेंगर और उनके सहयोगी शशि सिंह पर आपराधिक षड्यंत्र और भारतीय दंड संहिता के अन्य अपराधों के आरोप लगाये गए हैं। इसके साथ ही उन पर पोक्सो कानून की धारा तीन और चार के तहत भी आरोप लगाये गए हैं जो कि नाबालिगों से बलात्कार से संबंधित है।

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