वॉशिंगटन/मॉस्को, अमेरिका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, सऊदी अरब, श्रीलंका और बांग्लादेश सहित दुनिया के कई देशों ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी हमले की निंदा की है। इन देशों ने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के प्रति अपना समर्थन भी व्यक्त किया है।

पुलवामा में गुरूवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती बम हमलावर के हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हो गए।

हमले की निंदा करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि हमले को अंजाम देने वालों और इसे प्रायोजित करने वालों के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए। उन्होंने आतंकवाद से मुकाबले में भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूत बनाने के लिए अपने देश का समर्थन दोहराया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए संदेश में पुतिन ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर राज्य में आतंकवादी कृत्य में भारतीय विधि प्रवर्तन अधिकारियों की मौत के सिलसिले में कृपया संवेदनाएं स्वीकार करें। हम इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हैं। इस हमले को अंजाम देने वालों और प्रायोजकों को उचित सजा दी जानी चाहिए।’’

पुतिन ने कहा, ‘‘मैं भारतीय साझेदारों के साथ आतंकवाद से मुकाबले में सहयोग को मजबूत करने की अपनी इच्छा दोहराता हूं। रूस में हम भारत के मित्रवत लोगों का दुख साझा करते हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की उम्मीद करते हैं।’’

अमेरिका ने भी पुलवामा हमले की निंदा की है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने गुरुवार देर रात जारी एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका पाकिस्तान से अपील करता है कि वह अपनी जमीन से आतंकी गतिविधियां चलाने वाले ऐसे सभी आतंकवादी संगठनों को समर्थन और पनाह देना तुरंत बंद करे जिनका एकमात्र लक्ष्य क्षेत्र में अव्यवस्था, हिंसा और आतंक फैलाना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हमला आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और भारत के सहयोग एवं साझेदारी को और बढ़ाने के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाता है।’’

सैंडर्स ने कहा कि अमेरिका पुलवामा हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है।

ऑस्ट्रेलिया के राजनीतिक नेताओं ने भी इस ‘‘जघन्य’’ हमले की निंदा की।

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘हम पीड़ितों के परिजन और सभी घायलों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं। हमारे विचार मेरे मित्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय लोगों के साथ हैं।’’

सऊदी अरब ने कहा कि वह आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ भारत की लड़ाई में उसके साथ खड़ा है तथा उसने पुलवामा में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए- मोहम्मद की ओर से अंजाम दिए गए आत्मघाती हमले को ‘कायराना’ हरकत करार दिया।

सऊदी अरब की यह कड़ी भर्त्सना ऐसे समय में आई है जब सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद शीर्ष भारतीय नेतृत्व से बातचीत के लिए अगले हफ्ते भारत की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं।

आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अर्धसैनिक बल के काफिले को निशाना बनाकर किए गए इस विस्फोट की वह निंदा करता है।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मामले एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय ने कहा कि देश ‘‘इस आतंकवादी हमले की निंदा करता है’’। उसने यूएई के ‘‘सैद्धांतिक एवं स्पष्ट रुख’’ को दोहराया कि वह हिंसा एवं आतंकवाद के सभी स्वरूपों को खारिज करता है।

फ्रांस के विदेश मंत्री ज्यां-यीव्स ली द्रियां ने भारत के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि फ्रांस आतंकवाद से मुकाबले में हमेशा भारत के साथ रहा है और रहेगा।

नेपाल ने कहा कि वह आतंकवाद के सभी स्वरूपों की स्पष्ट शब्दों में निंदा करता है और मानता है कि ऐसे जघन्य कृत्यों को किसी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता।

भारत के पड़ोसी देशों बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका ने भी पुलवामा आतंकवादी हमले की निंदा की।

इस बीच, चीन ने हमले की निंदा तो की, लेकिन उसने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराए जाने की भारत की अपील का समर्थन करने से एक बार फिर इनकार कर दिया।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने पत्रकारों से कहा, “चीन आत्मघाती हमले की खबरों से वाकिफ है। हम इस हमले से गहरे सदमे में हैं और मृतकों तथा घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं।”

गेंग ने कहा, ‘‘हम आतंकवाद के किसी भी रूप की कड़ी निंदा और पुरजोर विरोध करते हैं। उम्मीद है कि संबंधित क्षेत्रीय देश आतंकवाद से निपटने के लिये एक दूसरे का सहयोग करेंगे और इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के लिये मिलकर काम करेंगे।”

अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, जहां तक सूचीबद्ध करने की बात हैं, मैं बस यही बता सकता हूं कि सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के आतंकवादी संगठनों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया और नियम स्पष्ट हैं।”

जम्मू-कश्मीर में बृहस्पतिवार को केंद्रीय आरक्षित पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद और कई अन्य घायल हुए हैं। जैश के एक आत्मघाती हमलावर ने 100 किलोग्राम विस्फोटक से लदे वाहन से बस को टक्कर मार दी।

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