वाशिंगटन ,  वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे छोटा कंप्यूटर विकसित किया है। यह एक ऐसा कंप्यूटर है जो सिर्फ 0.3 मिलीमीटर का है और यह कैंसर का पता लगाने और उसके इलाज के नए दरवाजे खोलने में मदद कर सकता है।
इससे पहले वाली सिस्टम 2x2x4 मिलीमीटर मिशिगन माइक्रो मोट सहित अन्य कंप्यूटर तब भी अपनी प्रोग्रामिंग और डेटा को सुरक्षित रख सकता है जब वह आंतरिक रूप से चार्ज न हो।
किसी एक डेस्कटॉप के चार्जर के प्लग को निकालें तो उसके डेटा और प्रोग्राम तब भी उपलब्ध रहते हैं जब बिजली आते ही वह खुद को बुट कर ले। हालांकि इन नए सुक्ष्म डिवाइस में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। ये छोटे कंप्यूटर जैसे ही डिसचार्ज होंगे इनकी प्रोग्रामिंग और डेटा समाप्त हो जाएंगे।
अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डेविड ब्लाऊ ने कहा , “ हम इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि इन्हें कंप्यूटर कहा जाना चाहिए या नहीं। यह एक राय वाली बात है कि इनमें कंप्यूटर की तरह न्यूनतम फंक्शन वाली चीजें हैं या नहीं। ”
इस कंप्यूटर से कई तरह के काम लिए जा सकते हैं और इसका इस्तेमाल कई उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसे बनाने वाली टीम ने इसका इस्तेमाल तापमान मापदंड के स्पष्टता के लिए करने तय किया।
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि सामान्य उत्तक से ट्यूमर ज्यादा गर्म होते हैं। इस बात को साबित करने के लिए पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं थे। तापमान से कैंसर के इलाज का पता लगाने में भी मदद मिल सकता है।

About The Author

Leave a Reply

%d bloggers like this: