रायपुर. छत्तीसगढ़ में स्कूली बच्चों की भागीदारी से ट्रैफिक मित्र योजना शुरू की जा रही है। राज्य के 10 हजार से ज्यादा स्कूली बच्चे अगले माह से चौराहों पर ट्रैफिक मित्र की भूमिका में नजर आएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य के 10 हजार से अधिक स्कूली बच्चे अब हर महीने दो दिन शहरों के चौराहों पर ट्रैफिक मित्र की भूमिका में नजर आएंगे। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य होगा, जहां स्कूली बच्चे ट्रैफिक मित्र के रूप में पुलिस के सहयोग से यातायात नियंत्रण की कमान संभालेंगे। यह 18 अगस्त से अपना कार्य शुरू करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स संगठन में सदस्य के रूप में शामिल इन स्कूली बालक-बालिकाओं में से संगठन द्वारा 10 हजार 252 बच्चों को ट्रैफिक मित्र का नाम देकर यातायात पुलिस की मदद से ट्रैफिक कन्ट्रोल का प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ​रविवार को आयोजित एक समारोह में इनमें से प्रतीक स्वरूप 10 बच्चों को ट्रैफिक मित्र अलंकरण से सम्मानित किया। इसके साथ-साथ संगठन के रोवर्स और रेंजर्स को भी सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत स्काउट्स एवं गाइड्स संगठन में बच्चों को अपने स्कूली जीवन में अनुशासन और समाज सेवा की भी प्रेरणा मिलती है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार राज्य में हर दिन 35 से 40 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। कई लोग घायल होते हैं और दुर्भाग्यवश कुछ लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। ऐसे में सुगम यातायात और प्रत्येक व्यक्ति के सुरक्षित जीवन के लिए हम सबको यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। सिंह ने कहा कि कुछ लोगों में यातायात नियमों को तोड़ने की मानसिकता होती है। हमारे स्काउट्स गाइड्स संगठन के ये बच्चे ऐसे लोगों की मानसिकता को बदलने में अहम भूमिका निभाएंगे। मुझे यकीन है कि अगर हमारे ये नन्हें बच्चे ट्रैफिक मित्र के रूप में चैराहों पर खड़े होंगे तो किसी भी व्यक्ति को यातायात नियम तोड़ने की हिम्मत नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप यकीन कीजिए, ये नन्हें ट्रैफिक मित्र सुगम यातायात जारी रखने के लिए अगर नियमों के तहत कहीं मुख्यमंत्री की गाड़ी को भी रोकें तो मेरी गाड़ी भी वहां रूक जाएगी।

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