नयी दिल्ली. शहर की एक अदालत ने परमिट नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने के लिए आज ओला और ऊबर सहित ऐप आधारित कैब सेवाओं को आरोपियों के तौर पर तलब किया।  मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अभिलाष मल्होत्रा ने ओला चलाने वाली कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, ऊबर इंडिया सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और ‘टैक्सी फोर श्योर’ चलाने वाली सेरेंडिपिटी इंफोलैब्स प्राइवेट लिमिटेड को तलब किया और उनके अधिकृत प्रतिनिधियों को अपने सामने 11 दिसंबर तक पेश होने का निर्देश दिया। अदालत ने गैर सरकारी संगठन ‘न्यायभूमि’ की याचिका को मंजूरी देते हुए यह आदेश दिया। याचिका में मोटर वाहन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत तीनों कंपनियों पर मुकदमा चलाने की मांग की गयी है। इससे पहले अदालत ने कंपनियों को तलब किए जाने से पहले एनजीओ द्वारा शिकायत के पक्ष में पेश किए गए सबूत दर्ज किए थे। शिकायत में भी तीनों कंपनियों को आरोपियों के तौर पर तलब करने की मांग की गयी थी। एनजीओ ने अपने सचिव राकेश अग्रवाल के जरिये सबूत पेश किए थे। एनजीओ ने वकील सुमित कुमार मोदी के जरिये शिकायत दर्ज करायी थी। एनजीओ ने किराये से संबंधित नियमों का कथित रूप से पालन ना करने तथा मीटर से ना चलने के लिए कैब सेवा प्रदाताओं से 91,000 करोड़ रुपये की वसूली करने की भी मांग की। न्यायभूमि ने साथ ही कंपनियों से 26,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त जुर्माना वसूलने और उनके लिए जेल की सजा भी मांग की।

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