भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर दुष्प्रचार की कोशिश के बीच अरब देशों से कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। एक ओर इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) देशों की आर्थिक प्रगति के लिए करीब 76 लाख लाख भारतीय योगदान दे रहे हैं। वहीं अनाज-फलों के लिए भी ये देश काफी हद तक भारत पर ही निर्भर हैं।

20 फीसदी भारत ने दिया
यूएई भारत के कृषि उत्पादों पर निर्भर है। 2021 में दिसंबर तक भारत ने 132 करोड़ डॉलर का खाद्य उत्पाद यूएई को दिया। सऊदी को 109, ईरान को 94, ईरान को 62 व मिस्त्र को 34 करोड़ डॉलर का खाद्यान निर्यात हुआ। अप्रैल-दिसंबर 2020 के बीच यूएई, सऊदी, ईरान, इराक व मिस्त्र को कुल निर्यात हुए कृषि उत्पादों में से 20 भारत ने दिया।

क्यों है अरब देशों पर भारत निर्भर
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद साहब पर टिप्पणी करने और खाड़ी देशों द्वारा की गई आलोचना के बाद भारत सरकार को कड़ा एक्शन लेना पड़ा। इससे पहले भी ऐसे दो मामले हो चुके हैं जब भारत सरकार को सफाई देनी पड़ी थी। 2015 में भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने अरब देशों की महिलाओं को लेकर टिप्पणी की थी, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी, वहीं, अप्रैल 2020 में निजामुद्दीन मरकज पर कोराना फैलाने का आरोप लगा था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मामले में सफाई देनी पड़ी थी।

अरब देशों के दबाव में आने के पीछे भारत की कई मजबूरियां हैं। तेल आयात को लेकर निर्भरता, बड़ा व्यापार और यहां बड़ी संख्या में मजदूरों का काम करना समेत कई वजहें हैं।

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