कजाकिस्‍तान की राजधानी अस्‍ताना में शंघाई को-ऑपरेशन संघटन (SCO) में पीएम नरेंद्र मोदी की नवाज शरीफ के साथ अनौपचारिक बातचीत के बाद मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारत सोमवार को 11 पाकिस्‍तानी कैदियों को रिहा करने जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक भारत ‘सद्भावना’ के तहत ऐसा करने जा रहा है. दरअसल पाकिस्‍तान ने इस आधार पर इनकी रिहाई की मांग की थी कि ये सभी कैदी अपनी सजा पूरी कर चुके हैं. हाल में कुलभूषण जाधव मामले में तनातनी के बाद भारत की तरफ से यह पहला बड़ा कदम है. भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर जासूसी का आरोप लगाते हुए पाकिस्‍तानी मिलिट्री कोर्ट ने उनको फांसी की सजा सुनाई है. भारत ने इस मुद्दे पर अंतरराष्‍ट्रीय न्‍यायालय (ICJ) का दरवाजा खटखटाया है और मामला वहां लंबित है.

यह रिहाई इस मामले में भी अहम है क्‍योंकि अस्‍ताना में एससीओ सम्‍मेलन से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और पाक पीएम नवाज शरीफ की अनौपचारिक भेंट हुई थी. पीएम मोदी ने शरीफ से उनकी सेहत का हाल-चाल पूछा और उनकी मां एवं परिजनों की कुशलक्षेम पूछी. सूत्रों के मुताबिक नवाज शरीफ के ऑपरेशन के बाद पीएम मोदी की उनसे पहली मुलाकात थी इसलिए उनके स्‍वास्‍थ्‍य के बारे में हाल-चाल लिया.

रिहाई के मामले में भारतीय अधिकारियों का कहना है कि मानवीयता के आधार पर इन कैदियों को रिहा किया जा रहा है. सरकार को आशा है कि इसके बाद पाकिस्‍तान भी ऐसे भारतीय कैदियों को रिहा कर देगा जिनकी वहां सजा पूरी हो चुकी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्‍तानी जेलों में 132 भारतीय कैदी हैं. इनमें से 57 अपनी सजा पूरी कर चुके हैं. पाकिस्‍तान का कहना है कि उनकी रिहाई से पहले भारत को उनकी राष्‍ट्रीयता के संबंध में पुष्टि करनी होगी.

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