नई दिल्‍ली. निवेश के लिहाज से प्रॉपर्टी में पैसे लगाना हमेशा फायदेमंद होता है. लेकिन, जब हम प्रॉपर्टी की बात करते हैं तो हमारे सामने चार विकल्‍प उभरकर आते हैं. इसमें हाउसिंग, रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और कॉर्शियल प्रॉपर्टी शामिल है.

एक अनुमान के मुताबिक, भारत का प्रॉपर्टी बिजनेस 2030 तक 10 खरब डॉलर का हो जाएगा, जो कुल जीडीपी का करीब 20 फीसदी हिस्‍सा होगा. इतना ही नहीं रियल एस्‍टेट कृषि के बाद देश में रोजगार देने वाला दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र भी है. तमाम सुधारों के बाद इस क्षेत्र में लगातार पारदर्शिता बढ़ रही है और निवेश की दृष्टि से भी यह काफी पसंद किया जाने लगा है. अगर आप भी प्रॉपर्टी में पैसे लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो मिलवुड केन इंटरनेशनल के फाउंडर एवं सीईओ निश भट्ट से चारों विकल्‍पों की खूबी और खामी जान सकते हैं.

अपार्टमेंट के लिए ये शहर हैं बेहतर
अगर आप अपार्टमेंट या आवासीय मकान खरीदना चाहते हैं तो देश के आठ प्रमुख रियल एस्‍टेट बाजारों का रुख कर सकते हैं. इसमें दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता और अहमदाबाद हैं, जहां लोग आम तौर पर प्लॉट की तुलना में अपार्टमेंट खरीदना ज्‍यादा पसंद करते हैं. अपार्टमेंट की लोकप्रियता के पीछे सबसे बड़ा कारण सुरक्षा और सुविधाएं जैसे पावर बैकअप, कार पार्किंग, क्लब, जिम, स्विमिंग पूल और गार्डन एरिया आदि हैं।

प्लॉट में तेजी से बढ़ रहा निवेश
वर्तमान और ऐतिहासिक रुझानों से पता चलता है कि आठ प्रमुख रियल एस्टेट बाजारों में रेसिडेंशियल फ्लैटों की उच्च मांग के बावजूद प्लॉट ने आवासीय संपत्तियों की तुलना में अधिक रिटर्न प्राप्त किया है. दरअसल, लैंड को सक्रिय प्रबंधन या रखरखाव की जरूरत नहीं होती और बढ़ते बाजार में जमीन हमेशा अच्छा प्रदर्शन करती है, क्योंकि कंस्ट्रक्शन में भविष्य के किसी भी विकास के लिए लैंड की ही जरूरत होगी. हालांकि, यहां पैसे लगाने से पहले पूरी रिसर्च जरूरी है, क्‍योंकि मकान की तुलना में जमीन खरीदना ज्‍यादा मुश्किल काम है.

कमर्शियल प्रॉपर्टी की सबसे ज्‍यादा मांग
रियल एस्‍टेट की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2021 के बीच ऑफिस स्पेस अब्सॉर्ब्शन 1.2 करोड़ वर्ग फुट पर रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 168% अधिक है. साल 2022 के अंत तक उम्मीद की जा रही है कि कॉमर्शियल रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ऑफिस, को-वर्किंग स्पेस और सस्ती दुकानों पर केंद्रित हो जाएगा. इसमें पूरी संपत्ति के बजाए एक हिस्से में निवेश का विकल्‍प मिलता है, जो अच्‍छा रिटर्न भी देता है.

किस सेक्‍टर ने दिया सबसे ज्‍यादा रिटर्न
आरईए इंडिया के हालिया रिसर्च के अनुसार, प्लॉट्स ने भारत में सबसे ज्‍यादा रिटर्न दिया है. देश के आठ प्रमुख शहरों में आवासीय प्‍लॉट ने जहां 2015 से सालाना 7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है, वहीं अपार्टमेंट को महज 2 फीसदी का रिटर्न मिला है. प्‍लॉट के मामले में आपको ज्‍यादा रखरखाव की जरूरत नहीं होती और यह छोटी राशि के निवेश से भी प्राप्‍त किया जा सकता है. लिहाजा ये स्‍पष्‍ट है कि अपार्टमेंट या कॉमर्शियल प्रॉपर्टीज की तुलना में प्‍लॉट ज्‍यादा रिटर्न देते हैं.

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