नई दिल्‍ली. हॉस्पिटैलिटी सेक्टर की बड़ी कंपनी ओयो ने पब्लिक ऑफर (OYO IPO) के जरिये करीब 8,430 करोड़ रुपये (1.2 अरब डॉलर) जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) को जरूरी दस्‍तावेज सौंप दिए हैं. ओयो आईपीओ से जुटने वाली रकम का कर्ज चुकाने और कंपनी का विस्‍तार करने में इस्‍तेमाल करेगी. ओयो के फाउंडर रितेश अग्रवाल आईपीओ में कोई हिस्सेदारी नहीं बेचेंगे. अग्रवाल के पास कंपनी में करीब 34 फीसदील हिस्‍सेदारी है. इसके अलावा लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स, सिकोइया कैपिटल, स्‍टार वर्चू इनवेस्‍टमेंट, ग्रीनओक्स कैपिटल और माइक्रोसॉफ्ट जैसे निवेशक भी अपनी हिस्सेदारी नहीं बेचेंगे.

कितना होगा आईपीओ प्राइस?
ऑफर फॉर सेल में सॉफ्टबैंक, ए-वन होल्डिंग्‍स, चाइना लॉजिंग और ग्‍लोबल आईवीवाई वेंचर्स की ओर से शेयर्स बेचे जाएंगे. कंपनी का पब्लिक ऑफर साल 2022 की शुरुआत में आ सकता है. इसमें 7,000 करोड़ रुपये के नए शेयर्स (Fresh Shares) जारी किए जाएंगे. इसके अलावा 1,430 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) होगा. प्री-आईपीओ प्लेसमेंट होने पर कीमत कंपनी और इसके स्टेकहोल्डर्स तय करेंगे.

ओयो इसके साथ ही उन ऑनलाइन कंपनियों में शामिल हो जाएगी, जिन्होंने पिछले कुछ महीनों के दौरान आईपीओ के लिए दस्‍तावेज जमा किए हैं. इनमें पेटीएम (Paytm), मोबिक्विक (MobiKwik) और नायका (Nayaka) शामिल हैं. ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग फर्म जोमैटो का जुलाई 2021 में पब्लिक ऑफर (Zomato IPO) आ चुका है.

कहां होगा फंड का इस्‍तेमाल?
सेबी को सौंपे दस्तावेजों के मुताबिक, आईपीओ से जुटने वाले गए पैसों का इस्तेमाल ओयो की सहयोगी कंपनियों का कर्ज चुकाने में किया जाएगा. इन कंपनियों पर 2,441 करोड़ रुपये का कर्ज है. इसके अलावा कंपनी 2,900 करोड़ रुपये का इस्तेमाल ऑर्गेनिक और इन-ऑर्गेनिक ग्रोथ में करेगी. बाकी पैसों का इस्तेमाल कॉरपोरेट जरूरतों को पूरा करने में होगा.

पब्लिक कंपनी बनाने की मिली मंजूरी
सितंबर 2021 में ओयो की पैरेंट कंपनी ओरावेल स्टेज (Oravel Stays) के शेयरधारकों ने कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से पब्लिक लिमिटेड कंपनी में बदलने की मंजूरी दी थी. इससे पहले ओरावेल स्टेज के बोर्ड ने कंपनी के ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल को 901 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.17 करोड़ रुपये किए जाने की मंजूरी दी थी.

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