अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान अब दुनियाभर के देशों से संपर्क साध रहा है। इसमें भारत भी है। तालिबान ने भारत से न सिर्फ हवाई उड़ान बहाल करने बल्कि अफगान छात्रों को छात्रवृत्ति देने की मांग की है।

तालिबान ने भारत सरकार से ये मांग उस वक्त की है, जब भारत सरकार संकेत दे चुकी है कि वह तालिबान सरकार को मान्यता देने में कोई जल्दी नहीं करना चाहती। जानकारी मिली है कि भारत की ओर से तालिबान के किसी भी प्रस्ताव पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

दरअसल, अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने भारत के साथ वाणिज्यिक उड़ानों को फिर से शुरू करने के लिए संपर्क किया था। बताया जा रहा है कि बीते 7 सितंबर को अफगानिस्तान की ओर से भारत के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को एक औपचारिक संचार भेजा गया।

डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार को संबोधित पत्र  में  अफगानिस्तान के कार्यवाहक मंत्री हमीदुल्लाह अखुनजादा कहा गया है कि काबुल हवाई अड्डा अब पूरी तरह से सुरक्षित है। ऐसे में भारत सरकार को कमर्शियल उड़ाने शुरू कर देनी चाहिए।

पत्र में लिखा गया है कि इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सुगम यात्री आवाजाही को फिर शुरू करना है, ताकि निर्धारित उड़ाने शुरू की जाए। इसलिए अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण वाणिज्यिक उड़ान शुरू करने का अनुरोध करता है।

इसके अलावा हाल ही में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने भारत सरकार द्वारा अफगान छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति को भी बहाल करने की बात कही है। मुत्ताकी कथित तौर पर चाहते हैं कि 2021 शैक्षणिक सत्र के लिए भारतीय छात्रवृत्ति वाले अफगान छात्रों को देश की यात्रा करने की अनुमति दी जाए।

वहीं, भारतीय पक्ष ने मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। तालिबान को साफ संकेत दे दिए हैं कि वह तालिबान सरकार से संबंध स्थापित करने के लिए किसी जल्दी में नहीं है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विश्व समुदाय को आगाह किया है कि अफगानिस्तान में नए ढांचे को मान्यता देने के मुद्दे पर जल्दबाजी न करें क्योंकि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन “समावेशी नहीं” था और “बिना बातचीत के” किया गया था।

बता दें कि एयर इंडिया ने बीते 15 अगस्त को अशरफ गनी सरकार के पतन के बाद से काबुल के लिए हवाई उड़ानों पर रोक लगा दी है। जब तालिबान ने अफगान राजधानी में प्रवेश किया। अफगान हवाई क्षेत्र को 16 अगस्त को ही “अनियंत्रित” घोषित किया गया था।

बीते रविवार को तालिबान विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने का आह्वान किया, एयरलाइंस के साथ पूर्ण सहयोग का वादा भी किया और जोर देकर कहा कि काबुल हवाई अड्डे पर सभी समस्याओं का समाधान कर लिया गया है।

अफगान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहार बल्खी ने कहा, “चूंकि काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की समस्याओं का समाधान हो गया है और हवाईअड्डा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए पूरी तरह से चालू है, इसलिए वे सभी एयरलाइनों को अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हैं।” काबुल से सीमित संख्या में सहायता और यात्री उड़ानें चल रही हैं, लेकिन कमर्शियल सेवाएं अभी शुरू नहीं हुई हैं।

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