नई दिल्ल, लोन लेने वालों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ने लोन लेने वालों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई लोन, एजुकेशन, हाउसिंग, कंज्यूमर, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया और उपभोग लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) को माफ किया जाएगा। सरकार के मुताबिक 6 महीने के लोन मोरेटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी।

वित्त मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा है कि सरकार ने छोटे कर्जदारों की मदद करने की परंपरा को बनाए रखने का फैसला किया है। कोरोना वायरस महामारी की स्थिति में, ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे यहीं सिर्फ समाधान है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा है कि उपयुक्त अनुदान के लिए संसद से अनुमति मांगी जाएगी।

कोरोना संकट की वजह से मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया था। लॉकडाउन की वजह से कामधंधे बंद थे और बहुत से लोग लोन की EMI नहीं चुकाने की स्थिति में थे। इसे देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आदेश पर बैंकों से EMI नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत मिल गई। लेकिन सबसे बड़ी समस्या मोरेटोरियम के बदले लगने वाले अतिरिक्त चार्ज को लेकर थी। ये अतिरिक्त चार्ज लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए बड़ा बोझ बन रहा था। केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस राहत का मतलब ये हुआ कि लोन मोरेटोरियम का लाभ ले रहे लोगों को अब ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे। ऐसे ग्राहक सिर्फ लोन का सामान्य ब्याज देंगे।

अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि इस बारे में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप सिर्फ कारोबार में दिलचस्पी नहीं ले सकते। आपको लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा।

पूर्व सीएजी राजीव महर्षि की अगुवाई वाली एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के बाद केंद्र ने इस मुद्दे पर अपना रुख बदला है। पहले केंद्र और आरबीआई ब्याज पर ब्याज माफ करने के खिलाफ थे। उनका कहना था कि यह दूसरे स्टेकहोल्डर्स खासकर डिपॉजिटर्स के हितों के खिलाफ होगा। साथ ही यह उन लोगों के साथ भी ज्यादती होगी जिन्होंने अपना बकाया चुकाया है।

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