लखनऊ। जेल में अपराधियों, माफियाओं और जेल अफसरों के बीच सिंडीकेट अभी तक चल रहा है। योगी सरकार भी इस सिंडीकेट को तोड़ नहीं पा रही है। हाल ही में बरेली जिला जेल में बंद सपा नेता आरपी यादव का एक ऑडियो वायरल हुआ है।

अब इसे अपराधियों का खौफ कहें या जेल अफसरों की पहुंच कहे कि इतनी बड़ी खबर भी सुरखी नहीं बन पा रही है। खबरें तो और भी हैं जो पहले भी कारागार की दीवारों को लांघ नहीं पाई हैं।

इस वायरल ऑडियो से सुर्खियों में आये बरेली जेल में कैद कई राज भी जेल की दीवारें लांघकर बाहर आ गये हैं।

सूत्रों की माने तो बरेली जेल अधीक्षक उदय प्रताप मिश्रा (यूपी मिश्रा) की पहुंच काफी ऊपर तक है। बीते चार सालों से उन्हें कोई वहां से हिला नहीं पाया है। कई अधिकारी आये और गये लेकिन यूपी मिश्रा की कुर्सी को हिला तक नहीं पाये।

जानकारी के अनुसार डीआईजी अर्पणा गागुली ने बीते दिनों बरेली जेल में अवैध कैंटीन को पकड़ा था। जांच में जेल अधीाक यूपी मिश्रा लपेटे में आते ही डीआईजी अर्पणा गागुली ट्रांसफर नोयडा कर दिया गया। अब जांच के नाम पर लीपापोती की जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीते दिनों एक कैदी को इतना प्रताणित किया गया कि उसने जेल में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना को दूसरे कैदी भूले ही थे कि बीते रविवार को एक कैदी जानवरों की तरह पीटा गया, जिससे उसकी हालत इतनी खराब हो गई की उसे तीन दिन तक जिला चिकित्सालय बरेली में रखा गया। इसी बीच दूसरे कैदियों को पता चला कि उस कैदी की इलाज के दौरान मौत हो गई है। इस खबर से जेल के बाकी कैदियों ने भूख हडताल कर दी। भूख हडताल से जेल अधिकारियों के हांथ पांव फूल गये। मान-मनोवल के बाद बाकी कैदियों ने खाना खाया।

जानकारी के अनुसार आरपी यादव को रायबरेली से बरेली जेल में प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर किया गया था। सपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी आरपी यादव पर बरेली जेल प्रशासन कितना मेहरबान है। इसका अंदाजा उनके तथाकथित वायरल आडियो से लगाया जा सकता है। जिला जेल प्रशासन द्वारा आपी यादव को न सिर्फ फोन पर बातचीत करवाई जा रही है। बल्कि उन्हें वीवीआईपी व्यवस्था दी जा रही है।

ऑडियो में हरिकेश नाम के व्यक्ति से आरपी यादव फोन पर बात होती है। वायरल आरपी यादव ने कहा कि धर्मेद्र भैया, संग्राम, यादवजी और मुख्यमंत्री सभी को मेरा प्रणाम कहना। बाद में आरपी यादव को आश्वासन दिया जाता है कि आब चिंता करने की बात नहीं है। जुलाई अगस्त तक उन्हें बाहर निकाल लेंगे।

जानकारी के अनुसार डीजी जेल आनंद कुमार ने मामले की रिपोर्ट तलब की है। वायरल आडियों की जांच डीआईजी जेल को दी गई है। मामले की जांच में बरेली जिला जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा जांच के लपेटे में आ गये हैं।

ज्ञात हो कि 9 अक्टूबर 2019 को आदित्य सिंह का शव मिल एरिया थाना क्षेत्र के गढ़ी हरदासपुर के पास सड़क किनारे मिला था। मृतक आदित्य महराजगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला था। शहर के सोमू ढाबे में खाना खाने के विवाद में उसकी पिटाई की गई थी। उसका शव सड़क किनारे मिला था। जिसके बाद इस मामले में सोमू ढाबा मालिक और उसके बेटे और सपा नेता आरपी यादव समेत कई अन्य को रायबरेली जेल भेजा गया था। मृतक के पिता की पैरवी पर आरपी यादव समेत अन्य को अलग-अलग जेलों में भेज दिया गया था। आरपी यादव को बरेली सेंट्रल जेल भेज दिया गया था।

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