मास्को, शोधकर्ताओं ने काले सिलिकॉन पर आधारित एक अति संवेदनशील डिटेक्टर का इजाद किया है जिससे चिकित्सा और फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए अधिकांश विस्फोटकों या बेहद जहरीले प्रदूषकों का पता लगाया जा सकता है।

यह अध्ययन ‘एसीएस सेंसर्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ, जिसमें यह बताया गया है कि नया यंत्र अधिकतर विस्फोटकों में इस्तेमाल होने वाले नाइट्रोएरोमेटिक अवयवों की अत्यधिक मात्रा में पहचान कर सकता है।

रूस में फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी (एफईएफयू) के शोधकर्ताओं ने कहा कि इस सेंसर को काले सिलिकॉन से बनाया गया है जो बेहद सूक्ष्म, विशिष्ट प्रकाशीय गुणों को दर्शाने वाली नैनोस्केल नुकीली सतह वाला है।

उन्होंने कहा कि यह सतह एक स्तर वाले जटिल प्रकाशीय कणों से ढकी होती है जिसे ‘कार्बाजोल’ कहते हैं। कार्बाजोल का यही स्तर यंत्र को व्यापक रूप से फैले नाइट्रोएरोमेटिक पदार्थों जैसे कि ट्राइनाइट्रोटॉल्युएंस (टीएनटी) विस्फोटक के प्रति संवेदनशील बनाता है।

हालांकि शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि यह सेंसर बेंजेन, मिथेनॉल, इथेनॉल जैसे अन्य कणों की मौजूदगी में प्रतिक्रिया नहीं देता है।

एफईएफयू से अध्ययन के सह लेखक एलेक्जेंडर कुचमिझक ने कहा, ‘‘नाइट्रोएरोमेटिक अवयव पेंट संयंत्र या सैन्य सुविधाओं के अपशिष्ट जल में पाए जा सकते हैं और ये पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। ये अधिकांश विस्फोटकों में भी इस्तेमाल होते हैं। इन्हें पहचानना एक अहम और जटिल प्रक्रिया वाला कार्य है।’’

अध्ययन के सह लेखक एलेक्जेंडर मिरोनेंको ने कहा कि सेंसर प्रति ट्रिलियन सांद्रण में नाइट्रोएरोमेटिक अवयवों को पहचान सकता है।

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