नई दिल्ली
देश की दिग्गज फार्मास्युटिकल कंपनी सन फार्मा के को-फाउंडर दिलीप सांघवी की संपत्ति में महज दो सालों में ही 14 अरब डॉलर यानी करीब 90 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। भारत के जेनेरिक दवाओं के कारोबार पर पड़ने वाले असर का अंदाजा दिलीप सांघवी की घटती दौलत से भी लगाया जा सकता है। कभी भारत के सबसे अमीर शख्स रहे दिलीप साघवी की संपत्ति दो साल में ही 14.1 अरब डॉलर कम हुई है और वह छठे नंबर पर आ गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स में सन फार्मा के मुखिया की संपत्ति 11.1 अरब डॉलर है। उनकी संपत्ति में बड़ी गिरावट की वजह अप्रैल, 2015 के मुकाबले उनकी कंपनी के शेयरों में 56 फीसदी तक की कमी है।
पिछले महीने यह गिरावट और बढ़ गई, जब तिमाही नतीजों में अमेरिकी नीतियों का असर पड़ने की बात सामने आई। जेनेरिक दवाओं की भारतीय इंडस्ट्री बीते कुछ महीनों से अमेरिका में बढ़ी स्क्रूटनी की चपेट में है। इसकी वजह यह है कि अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग्स अडमिनिस्ट्रेशन ने अप्रूव्ड ओवरसीज मैन्युफैक्चरर्स की स्क्रूटनी बढ़ा दी है। खासतौर पर एशियाई देशों से आने वाली कंपनियों पर अमेरिका के एफडीए की पैनी नजर है।
यही नहीं पिछले साल एफडीए ने रेकॉर्ड संख्या में जेनेरिक ड्रग्स को मंजूरी दी है। इसके चलते प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और इसके चलते दुनिया भर के दवा मार्केट में कीमतें गिरी हैं। हालांकि सन फार्मा के प्रवक्ता ने कंपनी के शेयरों और सांघवी की संपत्ति में गिरावट को लेकर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है।