एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने वाली भारत की स्कीमों के खिलाफ अमेरिका की वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) में शिकायत का यूरोपियन यूनियन, चीन, जापान जैसे कई देशों ने समर्थन किया है। ये देश इस विवाद में तीसरे पक्षों के तौर पर शामिल हुए हैं।

अमेरिका ने WTO में भारत की लगभग सभी एक्सपोर्ट प्रमोशन स्कीमों को चुनौती दी है। अमेरिका ने अग्रीमेंट ऑन सब्सिडीज ऐंड काउंटरवेलिंग मेजर्स (ASCM) का हवाला देते हुए कहा है कि इन स्कीमों से उसके कर्मियों को नुकसान होगा। अमेरिका ने इन सब्सिडी की वैल्यू 7 अरब डॉलर बताई है।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, ‘विवाद में तीसरे पक्षों की संख्या चिंता का विषय है और इसके गंभीर परिणाम होंगे।’

इस विवाद के मार्च में शुरू होने पर जानकारों ने इसमें अन्य देशों के शामिल होने की उम्मीद जताई थी। पूर्व कॉमर्स सेक्रेटरी रीता तेवतिया ने कहा कि व्यापार से जुड़े इस विवाद में भारत के हारने की आशंका है। भारत को निशाना बनाने वाले देशों की संख्या बढ़ने के कारण यह अब एक बड़ा मुद्दा बन गया है।

इस विवाद में ब्राजील, मिस्र, कनाडा, जापान, कजाकस्तान, दक्षिण कोरिया, रूस, श्रीलंका, ताइवान, थाईलैंड और यूरोपियन यूनियन तीसरे पक्ष बन गए हैं। एक ट्रेड एक्सपर्ट ने कहा, ‘इन सभी देशों के इसके साथ हित जुड़े हैं। कुछ देशों का हमारे साथ मार्केट तक पहुंच को लेकर विवाद है, जबकि अन्यों को रीजनल कॉम्प्रिहेन्सिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) को लेकर समस्याएं हैं।’

भारत के साथ चीन, दक्षिण कोरिया, जापान और थाईलैंड RCEP ट्रेड अग्रीमेंट के सदस्य हैं। ये देश भारत पर ट्रेड वाले वाले गुड्स में से कम से कम 90 पर्सेंट पर ड्यूटी में बड़ी कटौती करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।

एक्सपर्ट ने बताया, ‘श्रीलंका नहीं चाहता कि भारत के पास एक्सपोर्ट से संबंधित इंसेंटिव मौजूद हों क्योंकि वह बहुत से गुड्स के एक्सपोर्ट में हमारे साथ प्रतिस्पर्धा करता है।’

दोनों पक्षों के बातचीत के जरिए एक आपसी सहमति वाला समाधान खोजने में नाकाम रहने पर WTO ने फिलीपींस के जोस एंटोनियो बुएनकैमिनो की अगुवाई में एक पैनल बनाया था। पैनल के अन्य सदस्य दक्षिण अफ्रीका की लिओरा ब्लमबर्ग और स्विट्जरलैंड के सरगे पैनाटियर हैं।

एक सूत्र ने कहा कि भारत पर अपना पक्ष तैयार करने का दबाव है क्योंकि पैनल बनाना एक महत्वपूर्ण कदम है। पैनल को तीन महीनों के अंदर अपनी रिपोर्ट WTO के सभी सदस्यों को भेजनी है।

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