नयी दिल्ली , कच्चे तेल की कीमत , व्यापार युद्ध की चिंताएं , रुपये की चाल तथा मानसून की प्रगति समेत विभिन्न वैश्विक एवं घरेलू कारक मिलकर इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजार की चाल तय करेंगे। विशेषज्ञों ने यह कहा है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि , ‘‘ वैश्विक व्यापारिक तनाव , बढ़ती तेल कीमतें और वृहद आर्थिक चिंताओं के कारण निवेशक जोखिम के प्रति सजग रुख अपनाएंगे जिससे घरेलू बाजार के निकट भविष्य में नकारात्मक धारणा के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने का अनुमान है। ’’ हालांकि, उन्होंने कहा कि मानसून बेहतर रहने, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ऊंची वृद्धि और घरेलू निवेश प्रवाह से इस गिरावट पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि तेल की कीमतों एवं रुपये में स्थिरता आने से भी बाजार को कुछ राहत मिलेगी।
अन्य विशेषज्ञों का मानना है कि विनिर्माण तथा सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े इस सप्ताह कारोबारी धारणा को प्रभावित करेंगे।
कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड की उपाध्यक्ष (शोध) टीना विरमानी का कहना है कि , ‘‘ नकारात्मक वैश्विक संकेतों तथा राज्यों के चुनाव , चालू खाता घाटा दबाव और कच्चे तेल की अधिक कीमतों के कारण राजकोषीय घाटा जैसे घरेलू कारकों के कारण बाजार में उथल – पुथल बनी रहने की आशंका है। ’’  मासिक बिक्री के आंकड़ों की घोषणा को लेकर इस सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयर निगाहों में रहेंगे। इनके अलावा गुरुवार को फेडरल ओपन मार्केट कमिटी की जानकारियां सामने आने से भी बाजार प्रभावित होगा। पिछले सप्ताह सेंसेक्स 266.12 अंक यानी 0.75 प्रतिशत गिरकर 35,423.48 अंक पर रहा।

 

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